पूज्य गुरुदेव के संकल्प

जो व्यक्ति स्वयं के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए जीवन समर्पित करे — जो अपना समूचा समय मानव सेवा और सनातन धर्म के उत्थान में अर्पित कर दे — ऐसे महान संत का इस धरती पर होना हमारे लिए गर्व की बात है।

पूज्य गुरुदेव के संकल्पों ने मानव कल्याण की परंपरा को एक नई दिशा और पहचान दी है।
वे ना कभी जाति देखते हैं, ना धर्म, और ना ही किसी समुदाय का भेद करते हैं।
उनके लिए सेवा ही धर्म है और मानवता ही पूजा।

आइए, हम उनके इन प्रेरणादायक संकल्पों को जानें और उन्हें अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें।
ऐसे संत को शत् शत् नमन।

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कैंसर अस्पताल

23 फरवरी 2025 (रविवार) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के  गढ़ा गांव में बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के निमंत्रण पर बागेश्वर धाम मेडिकल और साइंस रिसर्च इंस्टिट्यूट की आधारशिला रखी।

इस अस्पताल का उद्देश्य वंचित वर्ग के कैंसर मरीजों को नि:शुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान करना है। यह अस्पताल अत्याधुनिक कीमोथेरेपी और कैंसर उपचार सुविधाओं से सुसज्जित होगा।

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अन्नपूर्णा रसोई

पूज्य महाराजश्री का यह दृढ़ संकल्प है कि बागेश्वर धाम पर आने वाला कोई भी व्यक्ति भूखा न लौटे। इसी उद्देश्य से धाम में अन्नपूर्णा रसोई की शुरुआत की गई है, जहाँ प्रतिदिन हज़ारों श्रद्धालुओं के लिए और विशेष रूप से मंगलवार एवं शनिवार को लाखों लोगों के लिए निःशुल्क भोजन प्रसाद की व्यवस्था की जाती है।
विशेष बात यह है कि अन्नपूर्णा रसोई की संपूर्ण व्यवस्था धाम में चढ़ाई जाने वाली चढ़ोत्री के आधे हिस्से और श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए दान से की जाती है।

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गरीब और बेसहारा कन्याओं का विवाह

पूज्य गुरुदेव सदैव कहते हैं कि जिनका इस संसार में कोई सहारा नहीं है, उनके लिए बागेश्वर बालाजी महाराज स्वयं सहारा हैं। बागेश्वर धाम की ओर से हर वर्ष गरीब और बेसहारा कन्याओं का विवाह पूरे विधि-विधान और रीति-रिवाजों के साथ संपन्न कराया जाता है।
इसके साथ ही धाम की ओर से बेटियों को गृहस्थी में उपयोग होने वाला आवश्यक सामान भी उपहार स्वरूप भेंट किया जाता है।

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गौ रक्षा

हमारे देश में गाय को माता के समान पूजनीय माना जाता है। इसी सम्मान को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के लिए पूज्य गुरुदेव ने एक प्रेरणादायक नारा दिया है – “गौशाला नहीं उपाय, एक हिन्दू एक गाय”
गुरुदेव का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति स्वयं गाय नहीं पाल सकता, तो वह अपने आसपास किसी गरीब व्यक्ति की सहायता कर सकता है जो गाय पाल रहा हो। आप हर महीने उस व्यक्ति को कुछ धनराशि देकर न केवल एक गाय के पालन-पोषण में सहयोग कर सकते हैं, बल्कि उस परिवार को भी सहारा दे सकते हैं जो उस गाय के दूध से अपनी आजीविका चला रहा है।

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बागेश्वर बागीचा

आज पूरी दुनिया में पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। कोरोना काल के दौरान देश ने ऑक्सीजन की भारी कमी का संकट भी झेला, जिसने हमें पेड़ों और हरियाली के महत्व का एहसास कराया। पर्यावरण में संतुलन और पर्याप्त ऑक्सीजन बनाए रखने के लिए वृक्षों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।
इसी उद्देश्य से पूज्य महाराजश्री ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया और देशभर में बागेश्वर बागीचा विकसित करने की पहल शुरू की। मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में अब तक कई बागेश्वर बागीचों का निर्माण हो चुका है।

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वैदिक गुरुकुल

पूज्य गुरुदेव का संकल्प है कि भारतीय संस्कृति और संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार विश्वभर में हो। इसी उद्देश्य को साकार करने के लिए बागेश्वर धाम के प्रांगण में वैदिक गुरुकुल की स्थापना की जा रही है।
इस गुरुकुल में बच्चों को आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ वैदिक ज्ञान, संस्कार और धर्म की गहराई से शिक्षा दी जाएगी, ताकि वे ज्ञानवान और संस्कारित नागरिक बन सकें।

आइए आप भी पूज्य महाराजश्री के संकल्पों को पूरा करने में उनके सहभागी बनें और ताकि मानवता जीवित रहें और सनातन धर्म की जय जयकार होती रहे।

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